पंडित जवाहरलाल नेहरू के की विदेश नीति (भारत चीन संबंध) वर्तमान परिप्रेक्ष्य में
Abstract
भारत और चीन के मध्य संबंध अत्यंत प्राचीन काल से मधुर संबंध थे। भारत और चीन के संबंध ने भारतीय विदेश नीति को बहुत प्रभावित किया, शायद उतना कोई और देश के साथ नहीं किया भारत और चीन के मध्य प्राचीन काल में मैत्रीपूर्ण संबंध रहा।भारत और चीन दोनों ही देश कई हजारों वर्षो पुरानी सभ्यता के उत्तराधिकारी रहे हैं। और सांस्कृतिक परंपराएं को जीवित रखे हैं। यह दोनों देश विश्व के सबसे बड़ी आबादी वाले देश हैं जिसमें चीन कट्टर साम्यवादी रहा तो भारत गुटनिरपेक्ष रहा। दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक आदान प्रदान होता रहा। यह संबंध भले ही घनिष्ठ और व्यापक ना रहें हो परंतु दोनों देशों बीच सदभावना और भाईचारा बना रहा।1 ब्रिटिश काल में भारत के साथ चीन का जो संबंध बना रहा एकमात्र उद्देश्य चीन की जनता को साम्राज्यवादी शोषण करना था चीन की जनता पर अपनी गुलामी लादने के लिए ब्रिटिश भारतीय सरकार ने भारतीय साधनों का प्रयोग किया। चीन को युद्ध में पराजित करने तथा चीनी राष्ट्रवाद को कुचलने के लिए भारतीय सेना का प्रयोग करने में तनिक भी संकोच नहीं किया। परंतु भारत की जनता इस साम्राज्यवादी नीति में किसी तरह का सहयोग नहीं करनी चाहती थी। लेकिन सरकार को रोक नहीं सकती थी।