मेघदूत में प्र‟ति-प्रेम

  • रंजना सिंह शोधछात्रा -संस्‟त, डॉ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या
  • राजेश उपाध्याय बी0बी0डी0पी0जी0 कॉलेज, परुइय्या आश्रम, अम्बेडकर नगर
Keywords: .

Abstract

भौतिक जगत के ईश्वर-प्रदत्त पदार्थ पर्वत वन, नदी सागर सरित् इत्यादि बाह्य प्र‟ति कहलाते हैं तथा मानव अन्तःकरण अन्तःप्र‟ति कहलाता है। महाकवि कालिदास बाह्य प्र‟ति एवं अन्तः प्र‟ति के चित्रण के अनुपम चितेरे हैं। उनके काव्यों में इन दोनों प्रकार की प्र‟ति का चित्रण अपूर्व वैशिष्ट्य लिए हुयेे है।

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Published
2024-03-30
How to Cite
सिंहर., & उपाध्यायर. (2024). मेघदूत में प्र‟ति-प्रेम. Humanities and Development, 19(01), 22-24. https://doi.org/10.61410/had.v19i1.168