मध्यम वर्गीय कार्यशील महिलाओं में भूमिका द्वन्द का समाजशास्त्रीय अध्ययन
Abstract
प्रस्तुत शोध अध्ययन ‘‘मध्यम वर्गीय कार्यशील महिलाओं में भूमिका द्वन्द का समाजशास्त्रीय अध्ययन’’ है। मध्यमवर्गीय कार्यशील महिलाओं को एक साथ कई भूमिकाएँ निभानी पड़ती हैं-पत्नी, माता, गृहिणी, कर्मचारी, बहू आदि। इन विविध भूमिकाओं के बीच जब अपेक्षाएँ परस्पर विरोधी हो जाती हैं, तो ‘भूमिका द्वंद्व’ की स्थिति उत्पन्न होती है। इस द्वंद्व का प्रभाव महिला के मानसिक, सामाजिक और पारिवारिक जीवन पर स्पष्ट रूप से पड़ता है। मध्यमवर्गीय कार्यशील महिलाओं में भूमिका द्वंद्व एक बहुआयामी सामाजिक समस्या है। यह केवल कार्यस्थल की बात नहीं है, बल्कि घरेलू अपेक्षाएं, सामाजिक मान्यताएं और आर्थिक दबाव सभी मिलकर इस द्वंद्व को गहराते हैं। अध्ययन से यह भी ज्ञात होता है कि समाधान केवल महिला के स्तर पर नहीं, बल्कि पूरे सामाजिक परिवेश में परिवर्तन द्वारा ही संभव है।‘‘मध्यमवर्गीय कार्यशील महिलाओं में भूमिका द्वंद्व का समाजशास्त्रीय अध्ययन’’ विषयक यह शोध प्रस्ताव इस दिशा में एक सार्थक प्रयास है, जो न केवल महिला-जीवन के यथार्थ को उभारने का कार्य करेगा, बल्कि एक समावेशी और संवेदनशील सामाजिक ढांचे के निर्माण में भी सहायक सिद्ध होगा।