कालिदास एवं दाम्पत्य
Abstract
निखिल कवि चक्रचूड़ामणि कवि कुल गुरू नाटककार कालिदास भारतीय साहित्य के जाज्वल्यमान रत्न हैं। काव्य मर्मज्ञों ने इन्हें कविता कामिनी का विलास कहा है। और प्राचीन कवियों की गणना में इन्हें कनिष्ठकाधिष्ठित बताकर उनकी तुलना में ठहराने वाले किसी अन्य प्रतिस्पर्धी कवि के अस्तित्व की सम्भावना का प्रत्याख्यान किया है-
पुरा कवीनां गणना प्रसंगेकनिष्ठिकाधिष्ठित कालिदासा।
अद्यापि तत्तुल्य कवेरभावादनामिका सार्थवती बभूव।।1
Downloads
Download data is not yet available.
Published
2022-06-06
How to Cite
यादवम., & सिंहस. (2022). कालिदास एवं दाम्पत्य. Humanities and Development, 17(1), 129-133. https://doi.org/10.61410/had.v17i1.58
Section
Articles